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पीलिया के लक्षण और बचाव

हेलो Friends बहुत-बहुत स्वागत है आपका हमारे Technikhlesh.Com ब्लॉग में, दोस्तों हर बार की तरह आज भी हम एक गंभीर बीमारी पीलिया के बारे में आपको बताने वाले हैं। आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं पीलिया के लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में और पीलिया से कैसे बचाव करें यह भी बताने वाले हैं तो यदि आपको पीलिया यानि जॉन्डिस की पूरी जानकारी चाहिए तो कृपया करके हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना क्योकि आज मैं आपको जॉन्डिस की(पीलिया) की पूरी जानकारी प्रदान करने वाला हु कि पीलिया होता कैसे है और इसके क्या लक्षण है और इसे कैसे बचाव करें।

पीलिया के लक्षण के बारे में

हमारे खान पान में बदलाव एवं सही ढंग से खानपान की कमी के कारण हमारे शरीर में आयरन की सही मात्रा का नहीं पहुंच पाना जॉन्डिस (पीलिया) का कारण है और हमारे शरीर में आयरन की मात्रा सही ढंग से ना हो पाने के कारण लाल रक्त कणिका नहीं बन पाती है और हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है और इसके कारण हमारे शरीर में पीलापन नजर आने लगता है। हमारे शरीर की स्किन के कलर में बदलाव आने लगता है लाल से हल्के पीलेपन की ओर हमारा शरीर परिवर्तित होता है।

पीलिया के प्रमुख लक्षण

दोस्तों अब हम आपको पीलिया के कुछ प्रमुख लक्षण के बारे में बताने वाले हैं जो कि ज्यादातर पीलिया बीमारी के होने पर दिखाई देते हैं। यदि आप नीचे दिए गए लक्षण किसी भी व्यक्ति में देखते हैं तो उस व्यक्ति को पीलिया ग्रस्त समझ लेना और उसे भी इस बात की जानकारी अवश्य देना तो चलिए जान लेते हैं पीलिया के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में।

इस रोग में रोगी की आंखें पीले रंग के दिखने लगती हैं जो कि पीलिया का एक प्रमुख लक्षण है।

रोगी के यूरिन(मूत्र) का रंग पीला हो जाता है। जब रोगी के मूत्र को एकत्रित करेंगे तो आपको उसमें साधारण रंग से विपरीत रंग दिखेगा मतलब कि जो यूरिन होगा वह पीलेपन का शिकार हो जाएगा।

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शरीर में साधारण रूप से अक्सर दर्द का होना या दर्द का महसूस होना मांसपेशियों में अकड़न का महसूस होना तो यह पीलिया का लक्षण है।

शरीर में लगातार बुखार रहती है और जल्दी नहीं उतरती है मतलब कि शरीर का टेंपरेचर अधिक रहता है तो यह भी पीलिया का शुरुआती लक्षण है।

लीवर में दर्द का महसूस होना जब आप अपने लीवर को थोड़ा सा दबाकर देखेंगे तो उसमें यदि दर्द महसूस होता है तो यह पीलिया का लक्षण हो सकता है।

घी,तेल एवं चिकने पदार्थों का ना पचना भी पीलिया का एक लक्षण है।

नाड़ी की गति अत्यधिक कम हो जाती है।

पीलिया का घरेलू उपचार

इमली का पानी पीना एवं प्रतिदिन पपीता का सेवन करना करने से जॉन्डिस (पीलिया) में आराम मिलता है और लाभदायक भी होता है।

नारंगी के रस का सेवन या आलूबुखारा खाना भी पीलिया रोग में लाभकारी होता है।

टमाटर के रस का प्रतिदिन सेवन करने से पीलिया रोग दूर हो जाता है। गाजर का रस, गाजर का सूप के सेवन करना भी पीलिया रोग में लाभकारी होता है।

फूल गोभी का रस पीना भी पीलिया रोग में लाभप्रद है, खरबूजा खाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।

छोटी प्याज छीलकर व चाकोर काटकर सिरके अथवा नींबू का रस मिलाकर डाल दे और ऊपर से नमक,काली मिर्च डालदे व इसका सेवन करे। इस प्रकार से हर रोज एक प्याज सुबह-शाम खाने से पीलिया रोग नष्ट होता है।

आधा कप सफेद प्याज के रस में गुड और पिसी हुई हल्दी मिला करके सुबह शाम सेवन भी अति गुणकारी होता है। चार कली लहसुन की पीसकर आधा कप गर्म दूध में मिलाकर करके पीना तथा ऊपर से गर्म दूध पीना हैं। यह 4 दिन करने मात्र से पीलिया रोग में लाभ होता है।

In Conclusion

दोस्त उम्मीद है आपको मेरे द्वारा की गई पीलिया रोग की जानकारी पसंद आई होगी और आपको काफी अच्छे से समझ में आ गया होगा कि हम पीलिया रोग का इलाज किस तरह से कर सकते हैं और पीलिया के क्या क्या लक्षण होते हैं। और यदि आपको यह जानकारी समझ में आ गई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक एवं व्हाट्सएप पर जरूर शेयर करें और इस तरह की जानकारी पाते रहने के लिए हमारे Blog को Bookmark में सेव करले। तो मिलता हूं आपसे अन्य किसी जानकारी को लेकर के लिए अलविदा।

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