मोतियाबिंद क्या है और इसके लक्षण की जानकारी हिंदी में
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मोतियाबिंद क्या है – नमस्कार दोस्तों बहुत-बहुत स्वागत है आपका हमारे Blog में, दोस्तों आज हम बात करेंगे मोतियाबिंद के संबंध में। मोतियाबिंद क्या है ? मोतियाबिंद हो जाने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं और मोतियाबिंद का क्या उपचार है। दोस्तों हमारे इस ब्लॉग पर हम तरह तरह की बीमारियों के बारे में जानकारी शेयर करते हैं क्योंकि हमारे देश में स्वास्थ्य शिक्षा की काफी कमी है। हेल्थ एजुकेशन (स्वास्थ्य शिक्षा) के चलते लोगों को पता भी नहीं चल पाता कि वह किस बीमारी के शिकार हैं और जब पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है तथा हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह छोटा सा प्रयास कर रहे हैं जिसके माध्यम से हम लोगों तक विभिन्न प्रकार की सामान्य और असामान्य बीमारियों की जानकारी शेयर करते हैं। दोस्तों यदि आपको इस प्रकार की जानकारी पसंद आती हैं तो आप हमारे Blog को बुकमार्क में सेव कर सकते हैं या हमारे ब्लॉक का नाम TechNikhlesh.Com याद करले और जरूरत पड़ने पर गूगल पर सर्च कर ले तो हमारा Blog आपको सबसे ऊपर दिखाई देगा। जिसकी मदद से आप हमारे ब्लॉक तक काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। तो आइए शुरू करते हैं और जानते हैं की मोतियाबिंद क्या है।
मोतियाबिंद क्या है ?
मोतियाबिंद को समझने से पहले हम एक साधारण सा उदाहरण लेते हैं। दोस्त आपने कैमरा अवश्य देखा होगा खासकर DSLR कैमरा। कैमरा कोई भी हो सभी की पद्धति एक ही होती है चाहे आपका मोबाइल का कैमरा हो या फिर DSLR कैमरा। कैमरे में 2 पार्ट होते हैं एक बॉडी और एक लेंस। बॉडी मे लेंस के द्वारा प्राप्त रोशनी को समझने की शक्ति होती है और लेंस का कार्य होता है कि सामने रोशनी में जो भी वस्तु दिखती दिखाई दे उसका प्रतिबिंब रोशनी के माध्यम से सेंसर तक पहुंच जाए। अब यदि कभी किसी भी कारण से लेंस धुंधला पड़ जाए, लेंस पर गंदगी आ जाए तो क्या होगा ? तो ऐसी कंडीशन में जो रोशनी लेंस प्राप्त कर रहा है वह पूरी तरह से सेंसर तक नहीं पहुंच पायेगी। क्योंकि लेंस के और रोशनी के बीच में एक परत आ गई है जो कि गंदगी की है। ऐसी स्थिति में तस्वीरें साफ नहीं आएंगे।
कैमरे का आविष्कार तो कुछ वर्षों पहले ही हुआ होगा लेकिन सदियों से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के साथ ही ईश्वर ने हमें आंखें दी है। हर जीव जंतुओं को आंखें दी हैं और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा हमारी आंखें ठीक उसी प्रकार से काम करती है जिस प्रकार से कैमरा कार्य करता है या फिर इसे उल्टा भी कहा जा सकता है।
एक साधारण से कैमरे लेकर एक एडवांस कैमरा हमारी आंखों की पद्धति पर ही तैयार किया जाता है। तो यदि हमारे आंखों के नेचुरल लेंस या प्राकृतिक लेंस किसी भी कारण से धुंधली हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में हमें साफ नहीं दिखाई देगा क्योंकि हमारे लेंस के द्वारा जो संकेत प्राप्त होते हैं वह हमारे मस्तिष्क के सेंसर तक धुंधले ही जाते हैं और ऐसी स्थिति को मोतियाबिंद (Cataract) कहा जाता है।
मोतियाबिंद होने का कारण
मोतियाबिंद होने का सही कारण आज तक पता नहीं चल पाया है। जो मुख्य कारण माने जाते हैं उसमें बुढ़ापा यानी उम्र का बढ़ना या फिर हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाना खासकर प्रोटीन की कमी विटामिन ए, बी, सी की कमी।
सूर्य की सीधी किरणें और कुछ जहरीली दबाएं मोतियाबिंद का कारण बन सकती है इसके अलावा हमारे शरीर में पनपने वाले दूसरे रोग जैसे डायबिटीज एवं सिफीलिस हैं जो मोतियाबिंद को बढ़ाने में हमारी आंखों को बर्बाद करने में अपनी पूरी पूरी सहायता करते हैं। तो जिन लोगों को डायबिटीज है। सिफलिस है। ऐसे रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को मोतियाबिंद होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है। आंखों में सूजन आ जाना। कोई चोट लग जाना यह भी मोतियाबिंद का कारण बन सकता है।
साधारण शब्दों में कहा जाए तो आंखों में जब धुंधला दिखने लगे कोई चश्मा कार्य न करें। चश्मा कैसे कार्य करेगा क्योंकि विकृति इस प्रकार की है जिसमें आपकी आंखों के नेचुरल लेंस पर गंदगी की परत बन जाती है जो किसी चश्मे से साफ नहीं हो पाती है। खासकर मोतियाबिंद बड़ी उम्र के लोगों में होता है लेकिन कभी-कभी बच्चों में यह जेनेरिक भी हो सकता है। जेनेरिक होने पर गर्भ के अंदर ही 3 महीने में खसरा निकलने पर भी मोतियाबिंद(Cataract) हो सकता है।
मोतियाबिंद रोग कई कारणों से होता है। आंखों में लंबे समय तक सूजन रहती है तो समझ लीजिए कि आप मोतियाबिंद के शिकार हो सकते हैं। जन्म लेते ही आंखों में सूजन रहना या फिर जन्मजात विकृति होना। आंखों में चोट लग जाना। लंबे समय तक आंखों में कोई घाव बना रहना यह सारी चीजें भी हमारे आंखों के लेंस को प्रभावित करती हैं।
मोतियाबिंद होने के लक्षण
दोस्त अब आपको बताते हैं की मोतियाबिंद होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
मोतियाबिंद होने पर सबसे पहला लक्षण दोहरा दिखाई देना होता है – यदि आपको डबल-डबल दिखाई देता है, मतलब की डबल विजन हो जाए। एक वस्तु 2 दिखाई दे या फिर रंग आपको फीके नजर आने लगे। दूसरा व्यक्ति कह रहा है कि यह गहरा लाल है और आपको वह कलर हल्का लाल लग रहा है,दूसरा व्यक्ति कह रहा है यह गहरा नीला है और आपको वह रंग हल्का नीला लगे या फिर अधिक रोशनी में भी आपको रोशनी कम प्रतीत हो रही है। 2 ट्यूब लाइट जल रही है और आपको लग रहा है कि एक छोटा सा बल्ब जल रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए की यह मोतियाबिंद के लक्षण है।
रोशनी के चारों ओर गोल घेरे दिखाई देना – जब आप रोशनी की तरफ देखते हैं तो गोल घेरे बनते हुए दिखाई देते हों। रात के समय या कम रोशनी में बहुत कम या स्पष्ट रूप से ना दिखाई देना भी मोतियाबिंद का एक प्रमुख लक्षण है।
बार-बार चश्मे के नंबर बदलना – आपको लगता है कि चश्मे का नंबर हर दिन 4 महीने मैं बदल रहा है तो कहीं ना कहीं मोतियाबिंद हो सकता है या होने वाला है मतलब की मोतियाबिंद का यह संकेत है।
धुंधला या स्पष्ट ना दिखाई देना – यह कई कारणों से हो सकता है लेकिन कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है। आँखों को बार-बार साफ करने पर एवं दवा डालने पर भी कोई फायदा नहीं हो रहा है तो समझ लीजिए कि मोतियाबिंद हो सकता है।
मोतियाबिंद होने पर क्या करे
मोतियाबिंद होने पर तुरंत आपको अपनी आंखों की जांच किसी नेत्र विशेषज्ञ से करवानी चाहिए। 45 वर्ष की आयु के बाद आपको चाहिए कि आप हर 6 महीने में अपनी आंखों की जांच किसी नेत्र विशेषज्ञ से कराएं यदि शुरुआती तौर पर मोतियाबिंद का पता चल जाए तो कुछ दवाओं से ही इसे रोका जा सकता है। शुरुआती तौर पर मोतियाबिंद का पता चल जाए तो कुछ घरेलू उपाय से भी मोतियाबिंद को बढ़ने से रोक सकते हैं। यहां तक कि कुछ घरेलू उपाय को अपनाकर आप मोतियाबिंद से मुक्ति भी पा सकते हैं। लेकिन यदि स्थिति गंभीर हो चुकी है आप समझने में लेट हो चुके है देरी हो चुकी है तो फिर मोतियाबिंद का आपको ऑपरेशन ही करना होगा।
मोतियाबिंद के घरेलु उपचार
आज मैं आपको मोतियाबिंद का घरेलु उपचार भी बताने वाला हूं। यदि आपको लगता है कि आपकी आंखों में कुछ धुंधला दिखाई दे रहा है जो लक्षण मेरे द्वारा आपको बताए गए हैं यदि इन लक्षणों से आप के लक्षण मैच हो रहे हैं। तो आप को सजग होने की आवश्यकता है और साथ में आवश्यक मेडिसिन को अपनाने की आवश्यकता है।
वैसे तो घरेलु उपचार का कोई नुकसान नहीं होता है। यह साधारण घरेलु उपचार प्राकृतिक तरीके से काम करते है। लेकिन फिर भी यदि आपको चाहिए कि इस प्रकार के लक्षण आपको दिखयी दे तो आप जागरूक होकर अपने चिकित्सक को अवश्य दिखाएं साथ साथ में चिकित्सक की सलाह और और दवाएं ले और घरेलु उपचार को भी चलने दे। तो आइए शुरू करते हैं और जान लेते हैं कि मोतियाबिंद होने पर कौन कौन से घरेलु उपचार कार्य करते हैं।
सबसे पहला घरेलू उपचार है गाजर। गाजर आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है नजर को सुधारने में गाजर का अहम रोल होता है। आंखों की रोशनी के लिए गाजर मददगार होता है क्योंकि गाजर विटामिन ए से भरपूर होती है। और आंखों में विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए गाजर से बेहतरीन प्राकृतिक उपाय दूसरा नहीं हो सकता है तो यदि आप अपनी आंखों को लंबे समय तक मोतियाबिंद से बचाना चाहते हैं तो गाजर का सेवन निरंतर करते रहना चाहिए।
उपसंहार
दोस्तों उम्मीद है आपको मेरे द्वारा दी गई मोतियाबिंद की जानकारी अत्यधिक पसंद आई होगी और आपको समझ में भी आ गया होगा कि मोतियाबिंद क्या है और इसके क्या लक्षण है यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।
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